छिंदवाड़ा से रूठ गया मानसून:एक सप्ताह से नहीं हुई बारिश, सूखने लगी खेतों में लगी मक्के की फसल, किसानों को करना पड़ रहा सिंचाई

छिंदवाड़ा मे मानसून की बेरूखी से एक बार फिर किसान बारिश को तरस रहे है। गौर किया जाए तो पिछले एक सप्ताह से छिंदवाड़ा में बारिश नहीं हुई है जिसके कारण खेतों में लगी मक्का और सोयाबीन की फसल सूखने की कगार पर पहुंच गई है। ऐसे में चांद और छिंदवाड़ा ब्लाक के किसानों को खेतों में लगी फसल की सिंचाई करने के लिए स्त्रींकलर से सिंचाई करनी पड़ रही है। ऐसे में हालात अनियंत्रित हो चुके है। सिर्फ छिंदवाड़ा ही नहीं बल्कि मोहखेड़ और अन्य ब्लाकों में भी बारिश न होने से कुछ किसानों को दोबारा फसल की बुआई करनी पड़ रही है।कोरोना की मार से पहले से ही कंगाल हो चुके है अन्नदाता कोरोना संक्रमण के चलते किसान पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे है, दूसरी तरफ अब बारिश न होने के कारण इनके सामने नया संकट पैदा हो गया है। कर्ज लेकर खेतों में बुआई कर चुके किसान अब फिर से खाद और बीज खरीदने के लिए मोहताज हो गए है।
अब तक इतनी हुई बारिश
मौसम विभाग के आकड़ों पर गौर करें तो जिले में अब तक सिर्फ 274 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जबकि पिछले साल इस अवधि में 280 मिमी बारिश हो चुकी थी। मौसम विभाग के अनुसार प्रतिदिन यहां 1.4 मिमी बारिश ही दर्ज की जा रही है।
तामिया में जमकर बरसे मेघ, सौंसर में हुई कम बारिश
इस साल तामिया तहसील में कुल 352 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जबकि सबसे कम बारिश सौंसर विकासखंड में हुई है। यहां सिर्फ 185.1मिमी बारिश दर्ज की गई है । ऐसे में इस क्षेत्र के मूंगफल्ली उत्पादक किसान भी बारिश ना होने से परेशान हो गए है।