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राजस्थान राज्य ओलिंपिक संघ:4 खाली पदों के लिए दो-दो गुटों ने कर दी चुनाव की घोषणा

जयपुर राजस्थान राज्य ओलिंपिक संघ दो फाड़ हो चुका है। एक तरफ है अरुण सारस्वत गुट, दूसरी तरफ अनिल व्यास गुट। संघ के चार खाली पदों पर चुनाव होने हैं। इनके लिए दोनों ही गुटों ने अलग-अलग तारीख पर चुनाव कराने की घोषणा की है। व्यास गुट के रिटर्निंग ऑफिसर पूर्व जिला जज अनवर आलम 17 अक्टूबर को चुनाव कराने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं।

रविवार को अरुण सारस्वत गुट ने भी कार्यकारिणी की बैठक कर 31 अक्टूबर को चुनाव कराने की घोषणा कर दी। इसके लिए रिटायर जिला जज भंवर सिंह भाटी को रिटर्निंग ऑफिसर बनाया है। मीटिंग में भारतीय ओलिंपिक संघ के पर्यवेक्षक हरिओम कौशिक भी उपस्थित थे।

आईओए की लड़ाई दिल्ली में देखी जाएगी, आरओए में किसी तरह की लड़ाई नहीं है

हरिओम कौशिक से जब पूछा गया कि क्या भारतीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष और सचिव के बीच आपसी खींचतान का असर आरओए में दिख रहा है तो बोले, भारतीय ओलिंपिक की जो भी लड़ाई या आपसी खींचतान है, उसे दिल्ली में देखा जाएगा। राजस्थान ओलिंपिक संघ में कोई लड़ाई नहीं है। कुछ दिग्भ्रमित लोग इसे ऐसा रूप देना चाहते हैं। जनार्दन सिंह गहलोत जिंदा थे तब तक क्या कोई विवाद था? सभी को मिलकर बैठक करनी चाहिए और चुनाव सर्वसम्मति से होना चाहिए। उनकी मीटिंग में आनंदेश्वर पांडे का वर्चुअली पर्यवेक्षक के रूप में जुड़ना भी गलत था। मैं इसके विरोध करता हूं।

16 लोगों की उपस्थिति का दावा
अरुण सारस्वत गुट ने कार्यकारिणी की बैठक में 16 सदस्य शामिल होने का दावा किया। इसमें दो लोगों वेटलिफ्टिंग के रतनलाल और नेटबॉल के रामगोपाल कटारिया ने लिखित स्वीकृति दे दी थी। सारस्वत ने कहा, जो आरओए के संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं, वे रास्ता भटक गए हैं। हमारे ही भाई हैं। आएं, चुनाव के लिए रास्ते खुले हैं।

भारतीय ओलिंपिक संघ के चुनाव का असर यहां भी दिखना तय
भारतीय ओलिंपिक संघ के चुनाव का असर राजस्थान ओलिंपिक संघ पर दिखना तय नजर आ रहा है। आरओए में दो-दो चुनाव होंगे। राजस्थान संघ में सभी एक मंच पर नहीं आए तो भारतीय संघ के दिसंबर में होने वाले चुनाव में जो भी गुट जीतेगा, उसी के अनुसार राजस्थान संघ का भी भविष्य तय होगा।

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