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नहरी पानी का होगा सदुपयोग:इंदिरा गांधी नहर के सरप्लस पानी को फिजूल धोरों में बहाने के बजाय अब एकत्र करेगी सरकार, बीकानेर सहित तीन जिलों में रिजरवायर बनेंगे

बीकानेर इंदिरा गांधी नहर में क्षमता से अधिक पानी को रेत के धोरों में बहाने के बजाय अब इसे एकत्र किया जाएगा ताकि आसपास के गांवों को पीने का पानी उपलब्ध कराया जा सके। जलदाय विभाग ने बीकानेर सहित पश्चिमी राजस्थान के चार जिलों में करीब पौने तेरह सौ करोड़ रुपए की लागत से एस्केप रिजरवायर बनाने की स्वीकृति दे दी है। इससे रेगिस्तान के चार जिलों में 43 जलदाय योजनाओं को पानी मिलेगा।

जयपुर में राजस्थान वाटर सप्लाई एवं सीवरेज मैनेजमेंट बोर्ड (RWSSMB) की नीति निर्धारण समिति की बैठक में जलदाय मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने इस योजना की प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति एक साथ दी। डॉ. कल्ला ने बताया कि IGNP में चार एस्कैप रिजर्वायर्स के निर्माण के लिए 1274.26 करोड़ रुपये की लागत आएगी। ये एस्कैप रिजर्वायर्स बीकानेर जिले में सत्तासर के पास 507 आरडी और गजनेर लिफ्ट परियोजना के समीप 750 आरडी पर बनेंगे। इसके अलावा जैसलमेर में 1352 आरडी तथा जोधपुर में 1121 आरडी के पास बनाए जाएंगे। इन एस्कैप रिजवायर्स के बनने से जल जीवन मिशन की 43 पेयजल परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त पानी की उपलब्ध हो सकेगा। इससे क्षेत्र के 6 हजार 707 गांवों में 20 लाख 87 हजार से अधिक परिवारों को फायदा होगा। वर्तमान में आईजीएनपी सिस्टम में जलदाय विभाग को पेयजल के लिए 1031 क्यूसेक पानी आवंटित है, जबकि आवश्यकता 1100 क्यूसेक पानी की और है।

तीन सौ क्यूसेक सरप्लस पानी मिलेगा

IGNP क्षेत्र में बनने वाले इन रिजर्वायर्स में जलदाय विभाग द्वारा आईजीएनपी मुख्य नहर में वर्षा के सीजन में बहने वाले सरप्लस वाटर में से करीब 300 क्यूसेक अतिरिक्त पानी का स्टोरेज किया जा सकेगा। इन रिजर्वायर्स का निर्माण जल संसाधन विभाग द्वारा डिपॉजिट वर्क के रूप में कराया जाएगा। डॉ. कल्ला ने बैठक में जलदाय विभाग के अधिकारियों को जल संसाधन विभाग के साथ समन्वय एवं फोलो अप करते हुए रिजर्वायर्स के कार्य को जल्द शुरू कराने के निर्देश दिए।

फिजूल बहता है पानी

हालांकि वर्तमान में नहर में पानी जरूरत से भी कम है लेकिन कई बार हिमाचल में अच्छी बरसात होने के कारण इंदिरा गांधी नहर में सरप्लस पानी चलता है। ये पानी बाद में धोरों में छोड़ना पड़ता है। जो पूरी तरह से बर्बाद होता है। इसी पानी को अब गांवों तक पीने के लिए पहुंचाया जाएगा।

हर घर को पानी की कवायद

डॉ. कल्ला ने बैठक में प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत मेजर प्रोजेक्ट्स तथा रेग्यूलर विंग में 3826 गांवों में 7 लाख 37 हजार 644 ‘हर घर नल कनेक्शन‘ देने के एजेंडा प्रस्तावों का अनुमोदन किया। बाड़मेर, राजसमंद, जैसलमेर, जालोर, झालावाड़, जोधपुर, कोटा, नागौर एवं बारां के करीब चार हजार गांवों में ‘हर घर नल कनेक्शन‘ दिए जाएंगे। इसी प्रकार रेग्यूलर विंग में 4 जिलों जैसलमेर, दौसा, बांसवाड़ा एवं सवाईमाधोपुर के 42 गांवों में 12 सिंगल एवं मल्टी विलेज ग्रामीण पेयजल योजनाओं के तहत 12 हजार 260 ‘हर घर नल कनेक्शन‘ के लिए कुल लागत 96.62 करोड़ रुपये के प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया।

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