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नाभिकीय संलयन ऊर्जा के भविष्य में उपयोग बताए

मैथोडिस्ट गर्ल्स पीजी कॉलेज के प्रांगण में बीएससी एवं होम साइंस की छात्राओं के लिए आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर राजेश श्रीवास्तव की ओर से भौतिक विज्ञान के विषय आईटीईआर द वर्ड्स बिगेस्ट फ्यूजन पावर प्रोजेक्ट पर एक ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें छात्राओं और अध्यापिकाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज की प्राचार्या डॉ. अमिता श्रीवास्तव ने प्रोफेसर राजेश श्रीवास्तव के परिचय एवं स्वागत के साथ किया।

बुधवार को प्रोफेसर राजेश श्रीवास्तव ने छात्राओं को नाभिकीय संलयन ऊर्जा के भविष्य में उपयोग एवं प्रकारों पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही उन्होंने छात्राओं को समझाया कि सात देशों के सामूहिक सहयोग से नाभिकीय संलयन पर आधारित अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर यानी (आईटीईआर) मेगा प्रोजेक्ट की शुरुआत 21 नवंबर 2006 में हुई थी। इस मेगा प्रोजेक्ट से लगभग 500 मेगावाट की नाभिकीय संलयन ऊर्जा प्राप्त करके इसका उपयोग बिजली बनाने और अन्य उपयोगी कार्यों में भी किया जा सकता है। इस ऊर्जा का हमारे पर्यावरण पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है। ऑनलाइन व्याख्यान का उद्देश्य छात्राओं को अति आवश्यक जानकारी देना था ताकि भविष्य में उन्हें लाभ प्राप्त हो सके। मौके पर छात्राओं ने प्रोफेसर राजेश श्रीवास्तव से कुछ प्रश्न पूछकर जिज्ञासा को शांत किया।

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