दो साल से पदोन्नति प्रक्रिया शुरु नहीं होने से शिक्षकों में रोष
दो साल से पदोन्नति प्रक्रिया लंबित होने से राजकीय शिक्षक संघ में रोष है। शिक्षकों का कहना है कि 30 से 32 साल की सेवा के बावजूद उन्हें एक भी पदोन्नति नहीं मिली है, जिससे अधिकांश एक ही पद पर सेवा करते हुए सेवानिवृत्त हो रहे हैं। शिक्षकों ने बैठक कर सरकार से पदोन्नति प्रक्रिया जल्द शुरू करने की मांग की है।
शुक्रवार को राजकीय इंटर कॉलेज डोभरी में संपन्न हुई राजकीय शिक्षक संघ की बैठक में पदोन्नति प्रक्रिया लंबित होने से शिक्षकों में नाराजगी रही। राजकीय शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष तेजवीर मलिक ने कहा कि दो साल से शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया लटकी हुई है। एलटी से प्रवक्ता और प्रधानाध्यापक पद के साथ ही प्रवक्ता से प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति प्रक्रिया दो साल पहले शुरू की गई थी। लेकिन सरकार शिक्षकों के वरिष्ठता विवाद का निपटारा नहीं कर पाई है, जिससे पदोन्नति प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि पदोन्नति प्रक्रिया लंबित होने के कारण कई शिक्षक एक पद पर कार्य करते हुए सेवानिवृत्त हो गए हैं। शिक्षक सुधीरकांति ने कहा कि सेवा नियमावली के अनुसार प्रत्येक कार्मिक को पूरी सेवा के दौरान पदोन्नति के तीन अवसर दिए जाते हैं, लेकिन अधिकांश शिक्षक एक ही पद कार्य करते हुए सेवानिवृत्त हो रहे हैं। जबकि शिक्षणेत्तर कर्मचारी पांच से दस वर्ष की सेवा पर ही दो से तीन पदोन्नति ले रहे हैं, जिससे वे अल्पकाल की सेवा में ही शिक्षकों से ऊंचे पदों पर पहुंच जाते हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक एक ही पद पर कार्य करने के कारण शिक्षकों के मनोबल पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। बैठक में शिक्षकों ने जल्द पदोन्नति प्रक्रिया शुरू करने की मांग प्रदेश सरकार से की है। इस दौरान राकेश कन्नौजिया, दिनेश देवराड़ी, मोहन पाल, जितेंद्र गोस्वामी, डा. नरेश कुमार आदि मौजूद रहे।