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वन्य जीवों की सुरक्षा मानव का नैतिक दायित्व

वन आरक्षी प्रशिक्षण केंद्र रामपुर मंडी में शुक्रवार को वन्य जीव सप्ताह के तहत कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें ढालीपुर और कुंजाग्रांट के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला के तहत छात्रों को वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए जागरूक किया गया।

भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के शोधकर्ता मोहित कश्यप और अभिषेक यादव ने मानव-वन्यजीव संघर्ष से बचने के लिए वनों को आग से बचाने, अनावश्यक दोहन रोकने को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि मानव और वनों का चोली-दामन का साथ है। वनों से ही मानव को शुद्ध हवा व जल की आपूर्ति होने के साथ ही आर्थिक संसाधनों की पूर्ति भी होती है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को बताया कि हरे-भरे वन वन्यजीवों को मानव बस्तियों में आने से रोकते हैं। जिससे मानव व वन्यजीव संघर्ष की स्थिति पैदा नहीं होती। कहा कि पिछले कुछ वर्षों से वनों में मानवीय हस्तक्षेप बढ़ने से वनों के साथ ही वन्यजीवों को भी नुकसान पहुंच रहा है। वन्यजीवों को होने वाले नुकसान से पारिस्थितिकीय तंत्र असंतुलित होने के साथ ही मानव व वन्यजीव संघर्ष बढ़ा है। जिससे मानव वन्य जीव दोनों को ही नुकसान पहुंच रहा है। वन्य जीवों की सुरक्षा मानव का नैतिक दायित्व है, लिहाजा वनों का अनावश्यक दोहन रोकने के साथ ही वन्य जीवों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। कार्यशाला में वनों को आग से बचाने के उपाय बताते हुए ग्रामीणों को प्रशिक्षित किया गया। साथ ही आग लगने पर वन विभाग की चौकी को सूचित करने की सलाह दी गई। इस दौरान वन क्षेत्राधिकारी दाताराम कुकरेती, अनुदेशक त्रिलोचन प्रसाद कोठारी, अकील आदि मौजूद रहे।

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