तपोवन में बनेगी एक हजार वाहनों की क्षमता वाली मल्टी स्टोरी पार्किंग
तपोवन क्षेत्र में जल्द ही पर्यटकों को पार्किंग की समस्या से निजात मिलने जा रही है। तपोवन तिराहे के पास एक हजार वाहनों की क्षमता वाली मल्टी स्टोरी पार्किंग के निर्माण की तैयारी शुरू हो चुकी है। जमीन का चिह्निकरण और सर्वे की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
वीकेंड पर बड़ी संख्या में देशभर से पर्यटक घूमने के लिए ऋषिकेश पहुंचते हैं। वहीं योग, ध्यान सीखने और नेचुरोपैथी चिकित्सा के लिए बड़े पैमाने पर विदेशी पर्यटक ऋषिकेश का रुख करते हैं। पर्यटक ऋषिकेश से सटे तपोवन स्थित होटलों में ठहरते हैं, आसपास के पर्यटन स्थलों में सैर सपाटा के साथ बाजारों में खरीदारी भी करते हैं लेकिन यहां लोगों को पार्किंग की समस्या से जूझना पड़ता है।
असल में यहां होटलों की पार्किंग और पेड पार्किंग बहुत सीमित है। इसी समस्या को देखते हुए तपोवन नगर पंचायत प्रशासन ने एक हजार वाहनों की क्षमता वाली पार्किंग के निर्माण की योजना तैयार की है। तपोवन तिराहे के पास पार्किंग के निर्माण के लिए सरकारी जमीन भी देख ली गई है। एक सप्ताह पहले शहरी विकास निदेशालय के निर्माण विभाग की टीम ने भूमि का निरीक्षण किया था। निर्माण विभाग की टीम से हरी झंडी मिलने के बाद मिट्टी की जांच होगी। इसके बाद नगर पंचायत प्रशासन और शासन पार्किंग का प्रस्ताव भेजेगा।
सैर सपाटे के लिए मुफीद, 450 से अधिक हैं होटल
पर्यटक तपोवन क्षेत्र में ठहरना बहुत पसंद करते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि तपोवन सभी पर्यटन स्थलों का केंद्र है। यही कारण है कि यहां धीरे-धीरे होटल इंडस्ट्री खड़ी हो चुकी है। तपोवन में 450 से अधिक होटल हैं।
वीकेंड पर पहुंचते हैं डेढ़ से दो लाख पर्यटक, सड़कों पर रहता जाम
वीकेंड पर करीब डेढ़ से दो लाख पर्यटक ऋषिकेश पहुंचते हैं। अधिकांश पर्यटक यहां राफ्टिंग और पर्यटन स्थलों पर घूमने के लिए आते हैं। कई पर्यटक जंगल कैंपिंग भी करते हैं। दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश राज्यों से आने वाले पर्यटक निजी कारों से यहां आते हैं। यातायात के अत्यधिक दबाव और वाहनों की पार्किंग के लिए जगह न मिलने के कारण ऋषिकेश, मुनिकीरेती और तपोवन में वीकेंड पर जाम लगता है।
तपोवन नगर पंचायत के गठन के बाद से क्षेत्र के विकास और समस्याओं के निराकरण के लिए कार्य किया जा रहा है। मल्टी स्टोरी पार्किंग के लिए तपोवन तिराहे के पास स्थान चुना गया है। भूमि के परीक्षण के बाद शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। – अनिल पंत, अधिशासी अधिकारी, तपोवन नगर पंचायत