व्यावहारिक रूप से होंगी उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की प्रतियोगिताएं
चंपावत। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की ओर से द्वितीय राजभाषा संस्कृत के उन्नयन, उसे बोलचाल की भाषा बनाने और छात्र-छात्राओं में देववाणी के प्रति रुचि पैदा करने के लिए कोरोना महामारी के बाद पुन: व्यावहारिक रूप से छात्रों की प्रतियोगिताएं शुरू की जा रही हैं।
26 और 27 सितंबर को कनिष्ठ और वरिष्ठ वर्ग की होने वाली प्रतियोगिताएं पहले खंड स्तर पर होंगी। उसके बाद वहां से चयनित प्रतियोगी 11 और 12 अक्तूबर को होने वाली जिला स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेंगे। प्रतियोगिताओं के संचालन के लिए जीआईसी चंपावत के संस्कृत प्रवक्ता हरीश चंद्र कालोनी को जिला संयोजक और पाटी जीआईसी के प्रवक्ता सतीश चंद्र जोशी को सह संयोजक बनाया गया है। इसी प्रकार ब्लॉक स्तर पर डॉ. हरिशंकर गहतोड़ी को चंपावत, भगवान जोशी को लोहाघाट, वेद पंत को बाराकोट और गोकुलानंद भट्ट को पाटी ब्लॉक का संयोजक बनाया गया है।
प्रतियोगिता में अव्वल प्रतियोगियों को नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। कक्षा छह से 10 तक कनिष्ठ, 11 से स्नातकोत्तर तक ज्येष्ठ वर्ग के प्रतियोगी होंगे। प्रत्येक प्रतियोगी को छह प्रतियोगिताओं में भाग लेना होगा। इसके लिए अलग-अलग पुरस्कार राशि तय की गई है। संस्कृत नाटक, संस्कृत गायन और संस्कृत नृत्य में प्रथम तीन स्थान में रहने वाले प्रतियोगियों को क्रमश: 800, 600, 400, वाद विवाद और आशु भाषण में क्रमश: 500, 400 तथा 300 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।