श्रद्धा के 35 टुकड़े किए, अब कहता है-मर जाऊं क्या आफताब मांग रहा नए कपड़े-बिसलेरी, 4 वकील बदले; पिता डिप्रेशन में
दिल्ली के तिहाड़ की जेल नंबर-4 के सेल नंबर-15 में कैदी नंबर-11592 बंद है। ये कैदी किसी से ज्यादा बात नहीं करता। आजकल सिर्फ अपने केस की 6629 पेज की चार्जशीट पढ़ता रहता है। साकेत की कोर्ट नंबर-503 में पेशी के लिए जाता है, तो सिर्फ बिसलेरी का पानी पीता है, कोई जहर दे देगा इससे डरता है। कैदी का नाम है आफताब अमीन पूनावाला।
12 नवंबर, 2022 को दिल्ली पुलिस ने छतरपुर इलाके से एक आम से दिखने वाले लड़के आफताब को गिरफ्तार किया। पूछताछ और छानबीन में सामने आया कि आफताब ने अपनी लिव इन पार्टनर श्रद्धा वालकर की 18 मई, 2022 को गला घोंटकर हत्या कर दी थी।
लेकिन कहानी सिर्फ इतनी नहीं है, उसने श्रद्धा की लाश के 35 टुकड़े किए। उन्हें रखने के लिए 300 लीटर का नया फ्रिज खरीदा। लाश का चेहरा जलाया, जिससे कोई पहचान न सके। लाश को काटने के दौरान वो बीयर पीता रहा, जोमैटो से खाना मंगाकर खाता रहा। घर में लाश पड़ी थी और एक दूसरी लड़की को मिलने के लिए बुलाया।
अगले 18 दिनों तक रोज रात को 12 बजे निकलता और लाश के टुकड़े छतरपुर के जंगल में फेंक आता। कुछ हड्डियां बड़ी थीं, तो उन्हें ग्राइंड करके फेंका। श्रद्धा का फोन नहीं फेंका, वो जिंदा है ये दिखाने के लिए उसके दोस्तों के मैसेज रिप्लाई किए, कॉल उठाए और उसके परिवार को लगातार गुमराह करता रहा।
आफताब की गिरफ्तारी को एक साल से ज्यादा हो गया है, ये केस कहां पहुंचा और आफताब का परिवार अब कहां है, ये ढूंढते हुए दैनिक भास्कर दिल्ली, पुणे और मुंबई पहुंचा। पढ़िए रिपोर्ट…
मीडिया देखते ही भागने लगा आफताब, चेहरा छिपा लिया
आफताब जेल में है। केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में है। दिल्ली की साकेत कोर्ट में 5 दिसंबर को रूम नंबर 503 में दोपहर 12 बजे से लेकर शाम करीब 5.35 तक जज मनीषा खुराना कक्कड़ की कोर्ट में आफताब की पेशी थी। 3 गवाहों की गवाही होनी थी।
सबसे अहम गवाही थी, उस डॉक्टर की जिसने श्रद्धा के बचे हुए शरीर का पोस्टमॉर्टम किया था। डॉक्टर से करीब 45-50 मिनट तक लंबी पूछताछ हुई। आफताब के वकील अक्षय भंडारी इस डेट में हाजिर नहीं हुए, उनकी जूनियर वकील मौजूद थीं।
इसी कोर्ट के बाहर हमें आफताब नजर आया। कैमरा देखते ही आफताब चिल्लाया, ‘देखो मीडिया’ और अपना चेहरा घुमा लिया। सेकेंड्स के भीतर पुलिस वाले के हाथ को लगभग खींचते हुए लॉकअप रूम की तरफ दौड़ लगा दी। पुलिस वालों ने फौरन उसे कवर किया, हाथ पकड़ा तो आफताब उन्हें खींचते हुए दौड़ने लगा।