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धोनी महान, लेकिन रोहित भी कम नहीं’, फैमिली इमरजेंसी वाले मामले पर अश्विन ने भारतीय कप्तान की तारीफ की

रविचंद्रन अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीत में अहम भूमिका निभाई थी। धर्मशाला में आखिरी टेस्ट के बाद जब हेड कोच राहुल द्रविड़ से सीरीज के सबसे शानदार पल के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने राजकोट टेस्ट में अश्विन की वापसी को सबसे शानदार बताया था। दरअसल, राजकोट में तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन उन्हें अचानक से घर लौटना पड़ा था। तब बीसीसीआई ने ज्यादा जानकारी नहीं दी थी और फैमिली इमरजेंसी का हवाला दिया था बाद में यह बात सामने आई थी कि अश्विन की मां बेहोश होकर गिर गई थीं और उनकी हालत खराब थी। ऐसे में अश्विन राजकोट टेस्ट को बीच में छोड़कर अचानक वापस लौट गए थे। हालांकि, टेस्ट के चौथे दिन तक सबकुछ सामान्य होने पर अश्विन मैच में वापस लौट आए थे। अब इस दिग्गज स्पिनर ने उस घटना पर से पर्दा उठाया है। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर पूरी कहानी बताई है। साथ ही यह भी बताया कि कैसे कप्तान रोहित शर्मा ने उनकी काफी मदद की थी। अश्विन ने रोहित को बतौर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बराबर बताया है। अश्विन ने कहा- राजकोट में तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन जब मुझे पूरी घटना के बारे में पता चला तो मैं कुछ सोच नहीं पा रहा था। इसी तरह रहते हुए मुझे रात के साढ़े नौ बज गए थे। अगर मैं भी कप्तान होता तो अपने खिलाड़ी को यह जरूर कहता कि तुम घर जाओ। हालांकि, रोहित ने जो किया वो अलग था। उन्होंने किसी को मेरे साथ घर जाने कहा और पूरे रास्ते मेरे साथ वाले शख्स को मेरी हालत के बारे में पूछते रहे और पूछते रहे कि मैं ठीक हूं या नहीं। यह अविश्वसनीय था। मैं रोहित में एक शानदार कप्तान देख सकता हूं। मैं इस पर भावना जाहिर नहीं कर सकता। मैंने कई वर्षों से कई कप्तानों के अंदर खेला है, लेकिन रोहित में कुछ तो अलग है। उनका दिल साफ है, इसी वजह से वह आईपीएल में पांच ट्रॉफियां जीत पाए हैं, जो कि धोनी के बराबर है। ऊपर वाला जल्दी किसी को इतनी उपलब्धि नहीं देता है। मैं बस चाहता हूं कि रोहित को और कामयाबी मिले। किसी के बारे में इतना सोचना, उसे और उसकी परेशानियों को समझना और फिर उसका ख्याल रखना, रोहित ने काफी किया। इस मतलबी दुनिया में एक ऐसे शख्स का मिलना काफी मुश्किल है।

37 साल के अश्विन की मां बेहोश होकर गिर गई थीं और उन्हें चेन्नई में आईसीयू में भर्ती कराया गया था। भारतीय स्पिनर ने अपने यूट्यूब चैनल पर इस घटना को याद करते हुए कहा- हम मैच के बाद ड्रेसिंग रूम में गए और फिर अपने अपने कमरे में चले गए। रोहित, मैं और कुछ और खिलाड़ी मैच को लेकर कुछ बात कर रहे थे। तभी मुझे लगा कि मेरे पास मेरे परिवार और पत्नी का आज कॉल नहीं आया। मुझे लगा वह किसी से बात करने या इंटरव्यू देने में व्यस्त होंगे। मैंने पत्नी प्रीति को शाम सात बजे कॉल किया और पूछा कि मां-पापा कॉल का जवाब नहीं दे रहे। प्रीति की आवाज कांप रही थी। उसने मुझसे अकेले में बात करने को कहा। प्रीति ने बताया कि मां के सिर में दर्द था और वह अचानक से बेहोश होकर जमीन पर गिर गईं।

अश्विन ने बताया- मैं तब स्तब्ध रह गया था। मुझे कुछ सूझ नहीं रहा था। मुझे समझ नहीं आया कि कैसे रिएक्ट करूं या क्या सवाल पूछूं। मैं रो रहा था लेकिन यह देख रहा था कि कोई मुझे रोता हुआ नहीं देखे। मेरे मन में गलत ख्याल आ रहे थे। मैं कुछ सोच नहीं पा रहा था। मैं अपने रूम में पहुंचकर काफी देर तक रोता रहा। तभी मेरे कमरे में फीजियो आए, क्योंकि मैं उनकी कॉल नहीं उठा रहा था। राहुल द्रविड़ और रोहित भी मेरे कमरे में आए और मैंने सिर्फ उनसे यह कहा कि मैं फिलहाल कुछ सोच नहीं पा रहा हूं।
अश्विन ने बताया- इसके बाद मैंने फ्लाइट की तलाश शुरू कर दी, लेकिन मुझे कोई फ्लाइट नहीं मिली। राजकोट एयरपोर्ट शाम छह बजे बंद हो जाता है। शाम छह बजे के बाद से वहां कोई फ्लाइट नहीं रहती है। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं। रोहित और द्रविड़ भाई मेरे रूम में आए। रोहित ने मुझसे कहा कि कुछ भी मत सोचो। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं तुरंत अपने परिवार के पास जाऊं। वह मेरे लिए चार्टर्ड फ्लाइट की जुगाड़ में जुट गए। चेतेश्वर पुजारा को बहुत धन्यवाद। उन्हें अहमदाबाद में कुछ फ्लाइट्स मिले और उन्हें राजकोट आकर मुझे पिक करने के लिए कहा। पुजारा ने मेरी यात्रा का प्रबंध किया। मुझे नहीं पता कैसे दो घंटे बीत गए। 

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