वनाग्नि रोकने के लिए बनेगा पांच साल का एक्शन प्लान, फॉरेस्ट रेंजरों से दो-तीन प्रभार हटेंगे
प्रदेश के जंगलों को आग से बचाने के लिए पांच साल का एक्शन प्लान बनेगा। जिसका प्रस्ताव केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेजा जाएगा। जिन जंगलों में फॉरेस्ट रेंजरों पर कई-कई प्रभार हैं, उन्हें हटाकर नए अफसरों को जिम्मेदारी दी जाएगी। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने प्रदेश लौटते ही वनाग्नि नियंत्रण की बैठक में ये निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु, वन विभाग के मुखिया डॉ. धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव डॉ. समीर सिन्हा, अपर प्रमुख वन संरक्षक वनाग्नि प्रबंधन निशान्त वर्मा शामिल हुए। समीक्षा के बाद ये पाया गया कि पिछले तीन दिनों में वनाग्नि के मामलों में कमी आई है। नियंत्रण के लिए फील्ड स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। वनाग्नि प्रबंधन को और प्रभावी बनाने के लिए दीर्घकालिक रणनीति के तहत प्राथमिकता के आधार पर एक पंचवर्षीय कार्ययोजना तैयार की जाएगी, जिसे वित्त पोषण के लिए केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेजा जाएगा। इस एक्शन प्लान में स्टेट ऑफ द आर्ट तकनीकी एआई लाइव विजुलाइजेशन, मोबाइल एप, क्लाउड सीडिंग, हाईटेक उपकरण, वन्यजीव सुरक्षा आदि कार्य शामिल होंगे। वनाग्नि के प्रभावी रोकथाम के लिए प्रत्येक वन अनुभाग स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम संचालित होंगे, जिसमें स्थानीय ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों, वन पंचायत सरपंचों, महिला, युवा मंगल दलों को शामिल किया जाएगा। कैबिनेट मंत्री उनियाल ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आधार पर फायर लाइनों की पुर्नस्थापना का कार्य तत्काल शुरू कर दिया जाए।
इस कार्य को प्रभागीय वनाधिकारी अपने-अपने प्रभागों में त्वरित रूप से करेंगे, जिसके लिए जिम्मेदारी संबंधित प्रभागीय वनाधिकारी की होगी। चीड़ बहुल वन क्षेत्रों में पिरूल एकत्रीकरण की कार्रवाई मिशन मोड़ में महिला स्वयं सहायता समूहों, मंगल दलों के माध्यम से की जाएगी।
रेंजरों की प्रभारी प्रथा होगी खत्म
वनाग्नि की त्वरित रोकथाम के लिए ये जरूरी है कि प्रत्येक रेंज में कुशलतापूर्वक प्रबंधन के लिए रेंज प्रभारी तैनात हों। यह पाया गया कि वर्तमान में विभाग में कई रेंज दोहरे या तीन-तीन प्रभार में हैं। इसको देखते हुए अर्ह उप वन क्षेत्राधिकारियों को प्रभारी वन क्षेत्राधिकारी के रूप में योजित करने की कार्रवाई होगी। मंत्री सुबोध उनियाल ने निर्देश दिए कि इस संबंध में पूर्व में जारी शासन के आदेश को यथाआवश्यक निरस्त या संशोधित करने की कार्रवाई की जाए।