प्राचीन तालाब में किया प्रतिमाओं का विसर्जन
दस दिवसीय गणेश उत्सव का रविवार को मूर्ति विसर्जन के साथ समापन किया गया। नगर में 100 से अधिक स्थानों पर छोटे बड़े पंडालों के साथ घर-घर विघ्नहर्ता गजानन की प्रतिमाएं विराजित रहीं। इन 10 दिन में घरों सहित गली-मोहल्लो में श्री गणेश की आराधना के साथ विशेष आयोजन किए गए। पंडालों में गणेश जी को छप्पन भोग सहित महाआरती भी की गई। इसके बाद रविवार को गाणपति बप्पा की विदाई की गई। यह क्रम सुबह से देर शाम तक चला।
स्थानीय प्रशासन द्वारा मूर्ति विसर्जन को लेकर नगर के प्राचीन तालाब व चंबल नदी पर व्यापक सुरक्षा के इंतजाम किए तथा भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। गणेश उत्सव के अंतिम दिन युवाओं की टोलियों द्वारा सुसज्जित ट्रैक्टर ट्रॉली गणेश प्रतिमाआंें को आसन दिया गया। इसके बाद नगर के प्राचीन तालाब व चंबल नदी में विसर्जन किया गया। इस दौरान युवा वर्ग गणेश भक्ति में लीन होकर बैंड बाजों की धुन पर नृत्य करते नजर आए। गणेश विसर्जन के दौरान लॉ एण्ड ऑर्डर न बिगड़े इस पर पुलिस अधिकारी पूरी नजर रखे हुए थे।