प्रदेश में युवा वकीलों के लिए राहत भरी खबर
इंदौर। मध्य प्रदेश के छह हजार से ज्यादा युवा वकीलों को बुधवार को मप्र हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली। हाई कोर्ट ने राज्य अधिवक्ता परिषद से कहा है कि वह एक सप्ताह के भीतर इन्हें अस्थायी सनद जारी कर दे।
हाई कोर्ट ने यह आदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन इंदौर के पूर्व सह सचिव राकेशसिंह भदौरिया द्वारा दायर याचिका का निराकरण करते हुए दिया है। याचिका में भदौरिया ने कहा था कि राज्य अधिवक्ता परिषद की नामांकन समिति की बैठक चार माह से अधिक समय से नहीं हुई है।
इस वजह से कानून की पढ़ाई पूरी कर चुके युवा न्यायालयों में प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि नामांकन के अभाव में उन्हें अस्थायी सनद जारी नहीं हो पा रही है। प्रैक्टिस के अधिकार से वंचित होने के साथ ये युवा न्यायिक सेवाओं के लिए भी पात्रता हासिल नहीं कर पा रहे हैं।
नामांकन समिति की अंतिम बैठक 29 जुलाई को हुई थी। इसके बाद से कोई बैठक नहीं हुई। एडवोकेट भदौरिया ने बताया राज्य अधिवक्ता परिषद ने याचिका में प्रस्तुत जवाब में कहा था कि अंकसूची का सत्यापन नहीं होने की वजह से आवेदकों को अस्थायी सनद जारी नहीं हो रही है।
चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन ने राज्य अधिवक्ता परिषद की ओर से प्रस्तुत तर्कों को दरकिनार करते हुए आदेश दिया कि सभी को एक सप्ताह के भीतर अस्थायी सनद जारी की जाए।