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GST का गजब रिकॉर्ड:3 साल में पहली बार 1.41 लाख करोड़ रुपए का कलेक्शन, मार्च में 1.24 लाख करोड़ था

वस्तु एवं सेवा कर (GST) ने नया रिकॉर्ड हासिल किया है। अप्रैल महीने में कुल 1 लाख 41 हजार 384 करोड़ रुपए का कलेक्शन हुआ है। जब से GST लागू हुआ है, यानी 2017 जुलाई से, तब से यह पहली बार हुआ है। हालांकि मार्च में 1.24 लाख करोड़ रुपए का कलेक्शन भी पहली बार किसी महीने में हुआ था।

आज जारी हुए आंकड़े

सरकार ने अप्रैल महीने के GST के आंकड़े को आज जारी किया। इसके मुताबिक, इसमें से सीजीएसटी यानी केंद्र सरकार का हिस्सा 27,837 करोड़ रुपए था। एस जीएसटी यानी राज्यों का हिस्सा 35,621 करोड़ रुपए था। आईजीएसटी यानी इंटीग्रे़टेड के तहत 68,481 करोड़ रुपए का कलेक्शन हुआ। इसमें सामानों के आयात से 29 हजार 599 करोड़ रुपए का GST कलेक्शन हुआ। जबकि सेस के रूप में 9,445 करोड़ रुपए का कलेक्शन हुआ है।

मार्च की तुलना में 14 पर्सेंट ज्यादा कलेक्शन

मार्च में 1.24 लाख करोड़ रुपए की तुलना में अप्रैल में GST कलेक्शन 14% ज्यादा रहा है। दरअसल अप्रैल में आंशिक रूप से लॉकडाउन लगने से यह अनुमान था कि GST कलेक्शन घट सकता है। शुक्रवार को SBI की रिपोर्ट में कहा गया था कि अप्रैल महीने में GST कलेक्शन 1.15 से 1.20 लाख करोड़ रुपए रह सकता है। हालांकि यह अनुमान गलत साबित हुआ।

कोरोना की दूसरी लहर तेजी पर

देश में कोरोना की दूसरी लहर इस समय कई राज्यों में तेजी पर है। खासकर उन राज्यों में जहां से GST कलेक्शन ज्यादा आता है। इसमें महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु आदि राज्य हैं। पर इन तमाम मुश्किलों के बावजूद GST कलेक्शन से यह पता चल रहा है कि देश में बिजनेस की गतिविधियां तेजी पर है। इनकम टैक्स रिटर्न में भी इसी तरह की तेजी पिछले वित्त वर्ष में दिखी थी।

सातवें महीने में लगातार 1 लाख करोड़ से ज्यादा कलेक्शन

यह लगातार सातवां महीना है, जब GST कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए के पार रहा है। अक्टूबर 2020 से यह रुझान है और मार्च में तो अब तक का सबसे ज्यादा कलेक्शन हुआ था। GST दरअसल हर कोई भरता है, लेकिन यह इनडायरेक्ट भरता है। हालांकि बिजनेस वाले लोग डायरेक्टर GST भरते हैं। उदाहरण के तौर पर जब आप कोई सामान खरीदने जाते हैं तो उस सामान की जो कीमत आप देते हैं, उसमें GST भी रहता है। आप कोई सेवा लेते हैं तो उसमें भी GST रहता है।

आप भी भरते हैं जीएसटी

किसी भी तरह से आप कोई भी लेन-देन करेंगे आपको GST का पेमेंट करना होगा। इसी तरह से अगर आप बिजनेस करते हैं तो आप सामने वाले ग्राहक को बिल में GST जोड़ कर देते हैं और इसके साथ ही ग्राहक आपको पैसे देता है। फिर उसमें से जो GST का हिस्सा है वह आपको अगले महीने की 20 तारीख तक जमा कराना होता है। देश में GST के अलग-अलग टैक्स स्लैब हैं।

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