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अजमेर डिस्कॉम में ओपीई माॅडल पर 33 केवी के पहले चार जीएसएस चित्तौड़गढ़ में, 15 नए जीएसएस भी बनेंगे

चित्ताैड़गढ़ जिले के कई क्षेत्रों में बिजली तंत्र को मजबूत करने की कवायद चल रही है। अभी 33 केवी के 15 जीएसएस और बन रहे हैं। आजोलिया का खेडा से बाेरदा के बीच 16 किलोमीटर लंबी हेवी लाइन अलग से डाली जा रही है। इस पर 8 पावर हाउस शिफ्ट हो जाएंगे।

चित्तौड़गढ़ जिले में औद्योगिक और कृषि क्षेत्र को देखते हुए अजमेर डिस्काॅम 33 केवी जीएसएस बढ़ाने के साथ अपने तंत्र को मजबूत करने में जुटा है। निगम के एसई केआर मीणा के अनुसार नए मंजूर 33 केवी के 15 में से 4 जीएसएस देवरी, केलझर, एराल व लालास में बनाए जा रहे हैं। ये अजमेर डिस्काॅम में ही ऐसे पहले चार जीएसएस हाेंगे जिन्हें प्रायोगिक तौर पर ओपीई माॅडल पर बनाया जा रहा है।

संबंधित कंपनी इसका निर्माण कर नियंत्रण भी स्वयं करते हुए अगले 10 साल तक मेंटनेंस देखेगी। इससे निगम पर रखरखाव का खर्चा नहीं पडेगा। मेन पावर की दिक्कत भी नहीं आएगी। इसके अलावा चार और 33 केवी जीएसएस का कार्य भी अब अंतिम चरण में चल रहा है। इसमें जिला मुख्यालय के निम्बाहेडा मार्ग पर कोर्ट के पास, गंगरार क्षेत्र के मंडपिया व घाटा क्षेत्र के पाल में है।

शहर में नए कोर्ट के पास निर्माणाधीन जीएसएस से सेंती क्षेत्र का कुछ हिस्सा और रेलवे स्टेश्न क्षेत्र शिफट होगा। इससे डाइट व सेंती जीएसएस पर लोड कम हो जाएगा। ये जीएसएस संभवतया दीपावली के आसपास चालू हो जाएंगे।

चंदाखेडी जीएसएस का कार्य भी जारी है। निगम चंदेरिया के पास बोरदा से आजोलिया का खेड़ा तक 16 किमी 33 केवी लाइन डाल रहा है। इस लाइन पर क्षेत्र के आठ 33 केवी जीएसएस की लाइन शिफट हो जाएगी। इससे मौजूदा लाइन पर लोड नहीं रहेगा। अलग से सप्लाई का प्रबंध भी रहेगा।

16 किमी हाई पावर लाइन से इंडस्ट्रीज को बल…16 किमी की इस 33 केवी लाइन का प्रस्ताव 2008 में बन गया था, लेकिन कार्य आगे नहीं बढ पाया। अब ये कार्य चल रहा है। इस लाइन से बोरदा, निम्बाहेडा, इंदौरा आदि जीएसएस शिफ्ट हो जाएंगे। सोनियाणा में स्वीकृत 132 केवी जीएसएस की राह भी खुल गई है। जमीन आबंटन कार्य चल रहा है। यह जीएसएस इसलिए भी अहम है कि यहां नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का प्रोजेक्ट चल रहा है।

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