इस बार पाइपलाइन से सप्लाई की प्लानिंग:प्रदेश के शहरों व ग्रामीण इलाकों में गर्मियों की पेयजल सप्लाई के लिए तैयार होंगे कंटिंजेंसी प्लान और स्कीम
जयपुर प्रदेश के शहरों व ग्रामीण इलाकों में आगामी गर्मियों (अप्रैल से जुलाई 2022) के मध्य पेयजल सप्लाई के लिए जलदाय विभाग ने कंटिंजेंसी प्लान व स्कीम पर काम शुरू कर दिया है। कई जिलों में कम बारिश होने के कारण बांध व ट्यूबवेलों में पानी की उपलब्धता कम है, ऐसे में इन इलाकों के लिए फील्ड एईएन व एक्सईएन को अभी से प्लानिंग करने को कहा जा रहा है।
ताकि दिसंबर तक सभी इलाकों से प्लान मुख्यालय तक आ जाए तथा फाइनेंस कमेटी व पॉलिसी प्लानिंग कमेटी में स्वीकृति के बाद जनवरी 2022 तक प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृत हो जाए। विभाग मार्च अंत सभी इलाकों में पर्याप्त पेयजल सप्लाई सुनिश्चित करना चाहता है। इससे मार्च से पहले फील्ड में ट्यूबवेल बनाने व पाइपलाइन डालने का काम हो जाए।
हर साल कंटिंजेंसी प्लान के लिए कलेक्टरों को 50 लाख रुपए तक की फाइनेंस पावर दी जाती है, लेकिन विभाग इस बार पहले ही अच्छा काम करवाने की प्लानिंग कर रहा है। ताकि कोई दिक्कत नहीं हो। हर साल टैंकरों से जल परिवहन पर 70 करोड़ रुपए खर्च हो जाते है, लेकिन इस बार टैंकरों के बजाए पाइपलाइन से पेयजल सप्लाई की प्लानिंग की जा रही है। ताकि टैंकर ट्रिप आधे तक कटौती हो।
प्रदेश में कस्बों व शहरों के साथ 14 हजार गांव-ढाणियों में रहता है संकट
प्रदेश में गर्मियों के दौरान करीब 11 कस्बों व शहरों के साथ ही करीब 14 हजार 440 गांव-ढाणियों में पेयजल संकट रहता है। यहां पर टैंकरों से जल परिवहन पर हर साल करीब 70 करोड़ रुपए खर्च किए जाते है। पिछले साल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जल परिवहन व्यवस्था के लिए 41.80 करोड़ और शहरी क्षेत्र के 119 कस्बों में टैंकरों से जल परिवहन पर 27.76 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे।
प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 4937 हैंडपंप एवं 2272 ट्यूबवैल की कमीशनिंग की गई थी। वहीं वित्तीय साल 2019-20 की गर्मियों में विभाग ने शहरों व गांवों में पेयजल किल्लत की शिकायत के तत्काल समाधान व टैंकरों से पानी देने के लिए 65.12 करोड़ रुपए दिए थे।
फील्ड अफसरों की रिपोर्ट के आधार पर अप्रैल से जुलाई तक के लिए 134 शहर में टैंकरों से पेयजल सप्लाई करने के लिए 24 करोड़ का बजट मंजूर किया था। वहीं अकाल से प्रभावित चार जिलों जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर व हनुमानगढ़ और 14 हजार गांवों के लिए करीब 41 करोड़ रुपए दिए थे।
कंटिजेंसी प्लान में यह होंगे प्रस्ताव
- नए ट्यूबवेल व हैंडपंप बनाना।
- पाइपलाइनों का मिलान करना, ताकि टेल एंड तक पानी पहुंंचे।
- पेयजल संकट वाले इलाके चिह्नित कर टैंकर चलाना।
- नई कॉलोनियों व इलाकों को पाइपलाइन से जोड़ना।