जन समस्याओं का निराकरण हो प्राथमिकता: शांति

गुरुवार को जिला पंचायत सभागार में आयोजित बैठक की शुरुआत से ही जन प्रतिनिधि पानी की समस्या को लेकर मुखर हो गए। गडकोट के जिला पंचायत सदस्य संजय डबराल ने कहा कि कल्जीखाल क्षेत्र के कई गांवों में चिनवाड़ी डांडा पंपिग पेयजल योजना, मुंडेश्वर पंपिग पेयजल योजना, डांडा नागराजा पंपिग पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति होती है। लेकिन, इन दिनों कांसखेत, धारी, घंडियाल, बुटली आदि गांवों में ग्रामीण पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। उन्होंने सदन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि इस बारे में कई बार जल संस्थान को अवगत कराया गया। लेकिन, समस्या कम नहीं हुई। थैर जिला पंचायत के सदस्य गौरव रावत ने असवालस्यूं पट्टी के कई गांवों में पानी की समस्या से सदन को अवगत कराया। उन्होंने क्षेत्र के कुछ गांवों को मुंडेश्वर पंपिग पेयजल योजना से जोड़े जाने की मांग भी सदन के माध्यम से की। जन प्रतिनिधियों ने द्वारीखाल में स्थित दोनों हैंडपंपों के खराब होने से इसका लाभ आम जन को न मिल पाने, बांघाट से सतपुली तक मोटर मार्ग के कई स्थानों पर खस्ताहाल होने से पैदा हो रहे हालात, रिखणींखाल के कर्तिया, कुमाल्डी आदि गांवों में पानी की समस्या, डुंगरीपंथ-छातीखाल मोटर मार्ग पर हुए डामरीकरण की जांच की मांग, नौगांव से तुनाखाल तक डामरीकरण की धीमी गति, ग्वीन में आए दिन मोटर मार्ग के बंद होने समेत विभिन्न समस्याएं सदन में उठाई। इस दौरान बैठक की अध्यक्षता कर रही जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी ने कहा कि जनहित से जुड़ी समस्याओं का निराकरण अधिकारियों की प्राथमिकता होनी चाहिए। ताकि विकास कार्य प्रभावित न हो। उन्होंने सदन में जन प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए सवालों, समस्याओं का तय समय के भीतर निस्तारण के निर्देश संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए
बैठक में अपर मुख्य अधिकारी संतोष खेतवाल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष रचना बुटोला, जिला पंचायत सदस्य संजय डबराल, कुलदीप रावत, आशुतोष पोखरियाल, सीमा सजवाण, गढ़वाल वन प्रभाग के डीएफओ मुकेश कुमार, सिविल एवं सोयम वन प्रभाग के डीएफओ सोहन लाल, जिला विकास अधिकारी पुष्पेंद्र चौहान, जिला पंचायत के सहायक अभियंता सुदर्शन सिंह रावत, सीईओ डा. आनंद भारद्वाज आदि मौजूद थे।