Sat. Nov 2nd, 2024

बिना फार्मेसिस्ट दवा बिक्री की तो निरस्त होगा लाइसेंस, स्टोर संचालक को देना होगा पक्का बिल

 देहरादून:  राज्य में किसी भी मेडिकल स्टोर पर बिना फार्मेसिस्ट दवा की बिक्री होती मिली तो दुकान का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा

वहीं, राज्य में नो बिल-नो पिल (बिना बिल दवा नहीं) की भी व्यवस्था लागू की गई है। सभी मेडिकल स्टोर को अनिवार्य रूप से सीसीटीवी लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

साथ ही औषधि विक्रय लाइसेंस की प्रक्रिया में भी आंशिक संशोधन किया गया है। जिसके तहत अब फुटकर लाइसेंस के लिए फार्मेसिस्ट के नियुक्ति पत्र के साथ मानदेय के संबंध में भी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।

स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने राज्य में नशीली व नकली दवाओं पर रोकथाम के लिए सख्त निर्देश जारी किए थे। जिस पर औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने फुटकर औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है।

उन्होंने बताया कि औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम, 1940 एवं नियमावली 1945 के नियम 65 (2) के तहत मेडिकल स्टोर/फार्मेसी पर औषधि वितरण पंजीकृत फार्मेसिस्ट की देखरेख में किए जाने का प्रविधान है

पर राज्य में कई औषधि विक्रय प्रतिष्ठान इसका पालन नहीं कर रहे हैं। जिस पर कार्रवाई करते हुए समय-समय पर चेतावनी जारी की गई है, पर नियम का पालन नहीं किया रहा है।

ऐसे में यह निर्णय लिया गया है कि किसी भी मेडिकल स्टोर पर बिना फार्मेसिस्ट दवा की बिक्री होती मिली तो दुकान का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। यह भी निर्देशित किया गया है कि फार्मेसिस्ट हमेशा एप्रेन पहने रहें और उस पर नेमप्लेट भी लगी होनी चाहिए। नो बिल-नो पिल की व्यवस्था का भी सख्ती से पालन कराया जाएगा।

औषधि विक्रय लाइसेंस की प्रक्रिया में ये हुआ बदलाव

  • थोक लाइसेंस के आवेदन के समय आवेदक को संबंधित फर्म से डिस्ट्रीब्यूटर/होलसेलर के लिए अनापत्ति पत्र प्राप्त करना अनिवार्य।
  • थोक लाइसेंस के लिए योग्य व्यक्ति के अनुभव प्रमाण पत्र के सत्यापन के बाद ही लाइसेंस जारी किया जाएगा।
  • थोक लाइसेंस केवल व्यवसायिक प्रतिष्ठान पर ही दिए जाएंगे और आवेदन के समय इसका प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *