संदेशखाली को नया नंदीग्राम बनाने की तैयारी में BJP स्ट्रैटजी के तहत जमीनों पर कब्जे का नहीं, महिलाओं का मुद्दा उठाया, यही ममता की ताकत
TMC के नेता जगह-जगह गरीब, दलित और आदिवासी परिवारों की बहन-बेटियों पर अत्याचार कर रहे हैं। बंगाल और देश की महिलाएं बहुत गुस्से में हैं। संदेशखाली का ये तूफान पश्चिम बंगाल के हर कोने में जाएगा और पूरे राज्य में TMC को तहस-नहस कर देगा।’
6 मार्च को PM नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल में नॉर्थ 24 परगना के बारासात में थे। उन्होंने अपने भाषण में संदेशखाली की महिलाओं का जिक्र किया। BJP भी बंगाल में इसी तय स्ट्रैटजी के तहत महिला सुरक्षा के मुद्दे पर ज्यादा जोर लगा रही है।
इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि बंगाल के महिला वोट बैंक पर TMC सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी की अच्छी पकड़ है। BJP उसी में सेंधमारी की तैयारी में हैं। पार्टी प्रदेश में 25 लोकसभा सीट जीतने का टारगेट लेकर चल रही है।
नंदीग्राम की तरह संदेशखाली को टर्निंग पॉइंट बनाने में जुटी BJP
BJP संदेशखाली को नंदीग्राम आंदोलन की तरह ही देख रही है। नंदीग्राम से ही ममता बनर्जी की सियासी कामयाबी की कहानी शुरू हुई थी। उन्होंने यहां जमीनों पर अतिक्रमण का मुद्दा उठाया था। इसका ऐसा असर हुआ था कि TMC ने 34 साल से बंगाल में काबिज लेफ्ट की सरकार को हराकर पहली बार सरकार बनाई थी।
संदेशखाली में भी नंदीग्राम की ही तरह जमीनों पर अतिक्रमण का मुद्दा है, लेकिन यहां अतिक्रमण के साथ-साथ TMC से सस्पेंड शेख शाहजहां के महिलाओं पर अत्याचार और यौन शोषण के किस्से भी हैं। लिहाजा, BJP यहां अतिक्रमण के बजाय महिला सुरक्षा का मुद्दा जोर-शोर से उठा रही है।
केंद्र सरकार की योजनाओं को हाइलाइट कर रही BJP
BJP अब तक पश्चिम बंगाल में एक बार भी सरकार नहीं बना सकी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में ऐसा पहली बार हुआ जब पार्टी 42 में से 18 सीटें जीतकर आई। इसके बाद 2021 के विधानसभा चुनाव में BJP ने पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सकी।
BJP बंगाल की महिलाओं को जोड़ने के लिए लॉ एंड ऑर्डर को कठघरे में खड़ा कर ही रही है। साथ ही केंद्र की ऐसी योजनाओं को हाइलाइट कर रही है, जिनसे महिलाओं को फायदा हो।
BJP महिलाओं को ये बता रही है कि कई स्कीम्स का फायदा उन्हें सिर्फ इसलिए नहीं मिल पा रहा, क्योंकि पश्चिम बंगाल में BJP की सरकार नहीं है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, उज्जवला गैस, सेल्फ-हेल्प ग्रुप को लोन, सुकन्या समृद्धि, महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ स्कीम्स जैसी योजनाओं को इसके लिए गिनाया जा रहा है।
BJP के एक सीनियर लीडर कहते हैं, ‘हमारे दो टारगेट हैं। पहला TMC, जो महिलाओं के खिलाफ काम कर रही है, उसे सामने लाना। दूसरा, केंद्र की योजनाओं की आम महिलाओं को जानकारी देना। ताकि वो BJP को वोट देने का मन बनाएं। अभी तो ममता सरकार तमाम योजनाओं के बहाने हर महीने महिलाओं के अकाउंट में पैसे डाल रही है, सिर्फ इसी कारण महिलाएं TMC को वोट दे रही हैं।’
BJP पॉपुलर चेहरों को देगी टिकट
2019 के लोकसभा चुनाव में TMC ने नुसरत जहां और मिमी चक्रवर्ती जैसी एक्ट्रेस को टिकट दिया था। इस बार BJP भी बंगाल में TMC की तरह ऐसे चेहरों को ढूंढ रही है, जो पॉपुलर हैं। BJP इस बार भी लॉकेट चटर्जी को मैदान में उतार चुकी है। वो पिछला चुनाव भी जीती थीं।
इस बार भी उम्मीदवार के तौर पर ऐसी महिलाओं को तलाशा जा रहा है जो पूरे राज्य में पहचान रखती हैं। पार्टी अभी 42 में से 20 सीटों पर कैंडिडेट्स का नाम अनाउंस कर चुकी है। इसमें तीन महिलाएं शामिल हैं। अगली लिस्ट में महिलाओं की संख्या और बढ़ सकती है।
ममता का महिला वोट बैंक साधने का प्लान
ममता बनर्जी भी महिला वोटबैंक को बनाए रखने की पूरी कोशिश कर रही हैं। 2016 के विधानसभा चुनाव के बाद ममता सरकार ने महिलाओं के लिए कन्याश्री और रूपश्री जैसी योजनाएं शुरू की थीं। इसमें लड़कियों की पढ़ाई और शादी के लिए आर्थिक मदद दी जाती है।
कन्याश्री स्कीम के तहत आठवीं से बारहवीं क्लास तक की छात्राओं को हर साल 500 रुपए दिए जाते हैं। वहीं, 18 साल की उम्र होने पर 25,000 रुपए दिए जाते हैं। इसी तरह सरकार की रूपश्री स्कीम के तहत 18 साल की उम्र के बाद लड़कियों की शादी के लिए 25,000 रुपए दिए जाते हैं।
राज्य सरकार की लक्ष्मी भंडार स्कीम के तहत जनरल कैटेगरी की महिलाओं को 500 रुपए महीना और SC-ST महिलाओं को 1000 रुपए महीना दिया जाता है। अप्रैल 2024 से यह अमाउंट 1200 रुपए प्रतिमाह हो जाएगा। CM ममता बनर्जी आशा और ICDS वर्कर्स को मिलने वाले भत्ते में भी बढ़ोत्तरी की घोषणा कर चुकी हैं। इसे भी लागू किया जा रहा है।