10 जुलाई के बाद ही होगा उत्तराखंड कांग्रेस को लेकर फैसला , पहले पंजाब की परेशानी निपटाना चाहता है आलाकमान
कांग्रेस भी गजब कर रही है जहाँ सत्ता पक्ष में मुख्यमंत्री के पद को लेकर उठे तूफान को संगठन के रणनीतिकारों और विधायकों ने मिल बैठकर शांत कर दिया। वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस में 20 दिन बाद भी नेता प्रतिपक्ष की खोज जारी है। भाजपा ने कुमाऊं से मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस की उलझन और बढ़ा दी है।इसे भाजपा का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। कांग्रेस पर अब विधायक मंडल का नेता चुनने को लेकर दबाव बन गया है। सत्तारूढ़ भाजपा से पहले वह नेता चयन की उलझन में फंसी थी, लेकिन हल वह अब तक नहीं निकाल पाई है। जबकि पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता दो दिन में नेता प्रतिपक्ष घोषणा होने का दावा कर रह थे।वही सूत्र तो बताते है कि उत्तराखंड को लेकर जो भी घोषणा होगी वो अब 10 जुलाई के बाद ही होगी माना जा रहा है कि पंजाब में फसे पेच को निकालने के बाद उत्तराखंड को लेकर फैसला लेना का पार्टी को समय मिलेगा । पार्टी सूत्रों के अनुसार अभी तक कांग्रेस जिस रणनीति पर काम कर रही थी, उसमें नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी गढ़वाल के किसी ठाकुर नेता को दिए जाने और प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कुमाऊं से किसी ब्राह्मण चेहरे को लाने की थी, लेकिन सत्ता पक्ष ने कुमाऊं के साथ तराई और युवा चेहरे पर दांव लगाते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पुष्कर सिंह धामी को बैठा दिया।