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उत्तरकाशी और पौड़ी में गरज के साथ मूसलाधार बारिश, दो सड़कें बहीं, आवागमन हुआ ठप

बीरोंखाल विकासखंड के बैजरो क्षेत्र में शाम तीन बजे से शुरू हुई मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। करीब तीन घंटे की बारिश में नदी-नाले और गदेरे उफना गए। इससे सुकई गांव के समीप बुआखाल-काशीपुर एनएच का 20 मीटर का हिस्सा और बैजरो-पोखड़ा मार्ग का करीब 30 मीटर का हिस्सा बह गया है। दोनाें सड़कें बंद होने से आवागमन ठप हो गया। लोनिवि एनएच खंड व बैजरो खंड ने सड़कों को खोलने के लिए जेसीबी मशीनें लगा दी हैं। इधर, कुणझोली गांव में बारिश के कारण आए मलबे में एक कार दब गई है। फरसाड़ी में एक बाथरूम बह गया है। कई आवासीय भवनों में मलबा घुस गया है। वहीं भू-कटाव से कई भवनों को खतरा उत्पन्न हो गया है। बैजरो क्षेत्र में बुधवार सुबह से उमस भरी गर्मी पड़ रही थी। शाम को एकाएक दीवा मंदिर क्षेत्र की पहाड़ियों पर जोरदार गड़गड़ाहट के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। करीब तीन घंटे तक चली बारिश से नदी नाले उफान पर आ गए। फरसाड़ी गांव के पास पंचराड़ गदेरा उफान पर आने से गांव में कई घरों में मलबा घुस गया। फरसाड़ी के प्रधान सुरेंद्र सिंह रावत व अरकंडाई के बीडीसी सदस्य मुकेश रावत ने बताया कि कुणझोली गांव के ऊपर बादल फटने जैसी अतिवृष्टि हुई। इससे लोगों में आपदा की आशंका से दशहत बनी रही। पहाड़ी से मलबा आने से मुकेश रावत की कार उसमें दब गई। कुणझोली व फरसाड़ी गांव में मकानों के अंदर मलबा घुस गया। बैजरो-पोखड़ा मार्ग फरसाड़ी के पास पूरी तरह ध्वस्त हो गया। सूचना मिलते ही राजस्व उपनिरीक्षक प्रदीप नेगी, प्रधान संगठन अध्यक्ष ओमपाल बिष्ट मौके पर पहुंचे। समाचार लिखे जाने तक सड़क को यातायात के लिए नहीं खोला जा सका था। क्षेत्र के खेत खलिहान मलबे से दब गए हैं। राजस्व विभाग की ओर से गुरुवार को नुकसान का आकलन किया जाएगा। बुधवार शाम करीब चार बजे हुई मूसलाधार बारिश से चिन्यालीसौड़ प्रखंड के गढ़वालगाड गांव के बौणी तोक में कई आवासीय घरों, आंगन व दुकानों में मलबा घुस गया। घरों की निचली मंजिल में मलबा घुसने से वहां बंधे गाय व भैंस भी फंस गए। जानकारी के अनुसार बुधवार शाम करीब चार बजे शुरू हुई मूसलाधार बारिश करीब पौन घंटे तक जारी रही। बारिश से गढ़वालगाड गांव के बौणी तोक में गांव के धूरत सिंह, बिक्रम सिंह, सूरत सिंह, माघ सिंह, उधम सिंह, चतर सिंह की दुकान व आंगन और मकान की निचली मंजिल में मलबा घुस गया। ग्रामीणों ने मलबा हटाना शुरू कर दिया है। मलबे से गांव में हर घर नल योजना के तहत बने टैक को भी नुकसान पहुंचा है। ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन से गांव में टीम भेजकर बारिश से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति देने की मांग की है।

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