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दिल्ली में बनेगा नया संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को दी मंजूरी

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में संसद की नई बिल्डिंग बनने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के खिलाफ दायर याचिकाएं खारिज कर दी हैं। इसी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की आधारशिला बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी। पर्यावरण का हवाले देते हुए इस प्रोजेक्ट के खिलाफ याचिकाएं दायर की गई थीं, जो अब खारिज हो गई हैं। सुनवाई जस्टिस एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली पीठ ने की। हालांकि तीन जजों की पीठ ने यह जरूर कहा कि निर्माणकार्य से पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे इसके लिए स्मोग टॉवर्स जरूर लगाए जाएं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन के लिए 10 दिसंबर को आधारशिला की अनुमति दी थी, लेकिन इसके साथ में यह भी निर्देश दिया था कि कोई निर्माण नहीं होगा।

क्या है Central Vista Project

सितंबर 2019 में इस प्रोजेक्ट की घोषणा की गई थी। एक नए त्रिकोणीय संसद भवन की परिकल्पना है, जिसमें 900 से 1,200 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी। तय कार्यक्रम के मुताबिक इसका निर्माण अगस्त 2022 तक होना है। उस साल देश अपना 75 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा।

पिछली सुनवाई में जस्टिस एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली की पीठ ने कहा था कि केंद्र सरकार सेंट्रल विस्टा परियोजना की आधारशिला रख सकती है, लेकिन कोई निर्माण कार्य नहीं कर सकती है, क्योंकि इसके कारण पेड़ों की कटाई हो सकती है। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से भी आश्वासन दिया गया था कि लंबित याचिकाओं पर फैसला आने से पहले वहां पर निर्माण नहीं होगा।

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