10 साल में पहली बार इतना सुस्त मानसून:17 दिन में 2.9 इंच ही बारिश; अगला सिस्टम 8 जुलाई तक संभावित, वह भी कमजोर रहेगा

हर दिन खिला-खिला नीला आसमान अब चिंता का सबब बनता जा रहा है। दक्षिण-पश्चिम मानसून 18 जून को घोषित होने के बाद से अब तक महज 2.9 इंच अधिकृत रूप से बरसा है। 10 सालों में केवल 2014 में ऐसा हुआ था, जब 15 जून को मानसून घोषित होने के 15 दिन बाद तक महज आधा इंच ही पानी बरसा था। लेकिन फिर जुलाई में मानसून सक्रिय हुआ तो कोटा पूरा कर दिया था। इस बार चिंता इसलिए भी गंभीर होती जा रही है कि दूर तक सक्रिय मानसून के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
इंदौर ही नहीं, समूचे प्रदेश में बादल नहीं बरस रहे हैं। मौसम विभाग ने 8 जुलाई से कुछ पानी बरसने की बात कही है, लेकिन यह ऐसा सिस्टम नहीं होगा, जो पूरे शहर को एकसाथ तर करेगा। दो-तीन दिन ही इसका असर रहेगा। मानसून समय से पहले घोषित हो गया, लेकिन इसके बाद दिशा से भटक गया। बंगाल की खाड़ी, अरब सागर में भी गतिविधि ठप है।
जुलाई का ट्रेंड… औसत बारिश 10.5 इंच, 12 दिन पानी बरसने के रहते हैं
जुलाई की औसत बारिश 10.5 इंच मानी जाती है। महीने के 31 में से 12 दिन पानी बरसने के माने जाते हैं। इस दफा मानसून के कमजोर होने से शुरुआती चार दिन में पानी नहीं बरसा है। कहीं-कहीं उमस की वजह से हलकी बारिश हुई है। वह भी दो से पांच मिनट की ही। आंकड़ों में तो जुलाई के इन चार दिनों में बारिश दर्ज ही नहीं हुई है।