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तीन मिनट के लिए थम गया पूरा चीन, जान गंवाने वालों की याद में मनाया गया राष्ट्रीय शोक दिवस

बीजिंग, एजेंसियां। कोरोना महामारी के चलते जान गंवाने वाले मरीजों और चिकित्साकर्मियों की याद में शनिवार को चीन में तीन मिनट का मौन रख कर राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया गया। इस दौरान सड़कों पर ना केवल यातायात थम गया, बल्कि देश का झंडा भी आधा झुका रहा। राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में मनाए गए शोक दिवस में जिन लोगों को श्रद्धांजलि दी गई, उनमें वायरस के खतरे के बारे में सबसे पहले बताने वाले डॉ. ली वेनलियांग भी शामिल हैं। नेशनल हेल्थ कमीशन के मुताबिक, चीन में अभी तक इस महामारी से 3,326 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 81,326 लोग इससे संक्रमित हैं। बता दें कि इससे पहले चीन में तीन बार राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया गया है।

राष्ट्रपति समेत अन्य चीनी नेताओं ने दी कोरोनावायरस के मृतकों को श्रद्धांजलि

स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे बीजिंग में राष्ट्रपति शी चिनफिंग और चीन के अन्य नेताओं ने कोरोनावायरस के मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित राष्ट्रीय शोक दिवस समारोह में भाग लिया। अपने सीने पर सफेद फूल लगाए इन नेताओं ने आधे झुके राष्ट्रीय ध्वज के सामने मृतकों को श्रद्धांजलि दी।

तीन मिनट के मौन के दौरान सड़कों पर यातायात थम गया, दूतावासों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका

तीन मिनट के मौन के दौरान दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश में सायरन बजने पर सड़कों पर यातायात पूरी तरह थम गया। चीन के सभी दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में भी राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहा। शनिवार को सभी तरह के मनोरंजन कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए। महामारी से सबसे अधिक प्रभावित वुहान में श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े। शहरी क्षेत्रों की सभी ट्रैफिक लाइटें 10 बजे सुबह लाल कर दी गई, जिसके बाद सड़कों पर तीन मिनट के लिए यातायात थम गया। कोरोना का सबसे पहला मामला हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में सामने आया था। अकेले वुहान में इस महामारी से 2,567 लोगों की मौत हुई। उधर, हुबेई प्रांत में चार और लोगों की मौत हुई है जबकि संक्रमण का एक नया मामला सामने आया है।

14 लोगों को शहीद का दर्जा

चीन में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पुलिस के 95 अधिकारियों और 46 स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी जान गंवाई है। वायरस के खतरे के बारे में सबसे पहले बताने वाले डॉ. ली वेनलियांग सहित 14 लोगों को शहीद का दर्जा दिया गया है। जिन लोगों को शहीद का दर्जा दिया गया है, उनमें 12 स्वास्थ्यकर्मी, एक पुलिस अधिकारी और एक कम्युनिटी वर्कर शामिल हैं।

 

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